बुधवार, 13 मई 2020

गुणवत्ता से कोई समझौता नही होगा चाहे देशी या विदेशी उत्पाद हो-व्यास

*केवल भावनाओ से देश की अर्थ व्यवस्था पटरी पर नही आएगी,इसके लिए कठोर कदम भी उठाने होंगे- व्यास*

प्रधानमंत्री जी फिर आत्म निर्भर, आत्म विश्वास युक्त भारत की बात कर रहे थे। डिमांड ओर सप्लाई की भी चर्चा कर रहे थे, 20 लाख करोड़ के पैकेज की भी भूमिका रख रहे थे, पर पिछले 6 वर्षों में मेक इन इंडिया पर भी चर्चा कर ले। निर्माण क्षेत्र की उपलब्धियां उद्योग जगत स्वयं जनता है। कि वह विश्व बाजार में कहा खड़ा होने लायक है!आज हम समीक्षा करें कि विदेशी कंपनियों को भारत मे लाया कौन है, आज उसे ज्यादा हिस्सेदारी देने वाले कौन है?क्या स्वदेशी की आड़ में हमने लोगो की भावनाओ का दोहन नहीं किया है। क्या खाद्य वस्तुओं, दवाओं और सौंदर्य प्रसाधन निर्माण कंपनियों ने मिलावट ओर घटिया सामग्री में नहीं हुई। देश मे मिलावट को रोकने वाले कानूनों के बावजूद भी मिलावट नहीं रुकी। ये कड़वा सत्य है। उपभोक्ता क़ीमत बदले जीवन स्वास्थ्य और सम्पतिया खतरे में डालते रहे है। केवल उपभोक्ता कानून बना देने से उपभोक्ता हित, अधिकार, कल्याण सुरक्षित नहीं हो जाएंगे। देश का उपभोक्ता आज सुरक्षा असुरक्षित महसूस कर रहा है। उसकी आय और खरीद ताकत तक खतरे में है। हम विचार करे क्वालिटी प्रोडक्ट के बिना देश का उद्योग जगत देश मे भी खड़ा नहीं रह पाएगा। विश्व बाजार में प्रतियोगिता तो बहुत दूर की कौड़ी साबित होगी। स्वदेश उत्पाद देश। के लोग खरीदे इसके खिलाफ है कौन? फिर क्यो बार बार स्वदेशी की आड़ में कुछ उद्योगों को बेजा संरक्षण की तैयारी की जा रही है। सब गुणवत्ता पर खरा उतरना ही होगा चाहे देशी उद्योग ...

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आभार - GyanApp

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